Join Us On What'apps 09416682080

?? Dabwali ????? ?? ???? ????, ?? ?? ?? ??? ???? ??????? ???? ?? ??? ?? ??????? ?? ?????????? ?? ?? ??????, ?? ????? ?? ???? ???????? ???? ???? dblnews07@gmail.com ?? ???? ??????? ???? ?????? ????? ????? ?? ????? ?????????? ?? ???? ???? ??? ?? ???? ?????? ????? ???? ????? ??? ?? 9416682080 ?? ???-??, ????-?? ?? ?????? ?? ???? ??? 9354500786 ??

Trending

3/recent/ticker-posts

Labels

Categories

Tags

Most Popular

Contact US

Powered by Blogger.

DO YOU WANT TO EARN WHILE ON NET,THEN CLICK BELOW

Subscribe via email

times deal

READ IN YOUR LANGUAGE

IMPORTANT TELEPHONE NUMBERS

times job

Blog Archive

टाईटल यंग फ्लेम ही क्यूं?

Business

Just Enjoy It

Latest News Updates

Followers

Followers

Subscribe

Lorem Ipsum is simply dummy text of the printing and typesetting industry. Lorem Ipsum has been the industry's.

Pages

Most Popular

चेयरमैन आदित्य देवीलाल चौटाला ने किया दो नए खरीद केंद्र का शिलान्यास व एक सड़क का उद्घाटन
मसाज सेंटर पर पुलिस का छापा ,पंजाब पुलिसकर्मी समेत चार दबोचे
इंकम टैक्स के छापे पंजाब में, कंपकंपी हरियाणा में! 25 दिसंबर को पूरे हरियाणा में मंडी बंद रखने का ऐलान
स्टेराइयड की दवा की तलाश में की छापेमारी, ब्लैक फंगस की वजह से किया गया है प्रतिबंधित
 Corona Update - 65 पॉजिटिव, 60 डिस्चार्ज
प्रदेश में हुआ सीसीटीवी खरीद घोटाला:कुमारी सैलजा
हरियाणा में बढ़ा लॉकडाउन ,अगले एक हफ्ते के लिए सख्ताई और भी कड़ी अब ऐसे होगी नई गाइडलाइन्स
नहीं थम रहा भीड़ का सैलाब ....सोशल डिस्टेंसिंग की नहीं हो पा रही पालना, ढिलाई बरत रहे लोग
एनएसएस वॉलेन्टियर ने डबवली गाँव में स्थित आंगनवाड़ी केन्द्र तथा सहकारी बैंक में सफ़ाई अभियान चलाया
बजट का मकसद आत्म प्रशंसा न होकर आत्मचिंतन होना चाहिए- अमित सिहाग

Popular Posts

Secondary Menu
recent
Breaking news

Featured

Haryana

Dabwali

Dabwali

health

[health][bsummary]

sports

[sports][bigposts]

entertainment

[entertainment][twocolumns]

Comments

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख़ गुरमीत राम रहीम संत या ताक़त फैसला आप का

संपादकीय

आज कल हरियाणा मे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख़ गुरमीत राम रहीम चर्चाओ में हैं। उन के लाखों अनुयाई हैं जो उन के आदेशों पर समाजिक कार्यो मे बढ़ चढ़ कर हिसा तो बनते हैं और राजनीति का मुख भी बदल देते हैं। प्रजातंत्र मे इस प्रकार की ताकत ख़तरनाक भी हो सकती हैं। हरियाणा मे सरकार के गठन के बाद एक बड़ी संख्या मे विधायक डेरा सच्चा सौदा प्रमुख़ गुरमीत राम रहीम को धन्यवाद करने गए। सही गलत तो जनता जाने पर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख़ गुरमीत राम रहीम पर लगे आरोपों की समीक्षा पाठको के सामने हैं।
🔹⛔स्थापना से लेकर विवादों तक डेरा सच्चा सौदा
🔹 1948 में डेरा सच्चा सौदा की स्थापना शाह मस्ताना ने की।
🔹 1990 में डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह ने गद्दी संभाली।
🔹 1998 में गांव बेगू का एक बच्चा डेरा की जीप तले कुचला गया।
गांव वालों के साथ डेरा का विवाद हो गया। घटना का समाचार प्रकाशित करने वाले समाचार पत्रों के नुमाइंदों को धमकाया गया। डेरा के अनुयायी गाडिय़ों में भरकर सिरसा के सांध्य दैनिक रामा टाईम्स के कार्यालय में आ धमके और पत्रकार विश्वजीत शर्मा को धमकी दी। डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधन समिति व मीडियाकर्मियों की पंचायत हुई। जिसमें डेरा सच्चा सौदा की ओर से लिखित माफी मांगी गई और विवाद का पटाक्षेप हुआ।मई 2002 में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाते हुए डेरा की एक साध्वी द्वारा गुमनाम पत्र प्रधानमंत्री को भेजा गया। जिसकी एक प्रति पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भी भेजी गई।10 जुलाई 2002 को डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत का मर्डर हुआ। आरोप डेरा सच्चा सौदा पर लगे। डेरा छोड़ चुके प्रबंधन समिति के सदस्य रणजीत सिंह पर डेरा प्रबंधको को शक था की उक्त गुमनाम चिठ्ठी उसने अपनी बहन से ही लिखवाई है. गौरतलब है की रणजीत की बहन भी डेरा में साध्वी थी. पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत के पिता ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की।24 सितंबर 2002 को हाईकोर्ट ने साध्वी यौन शोषण मामले में गुमनाम पत्र का संज्ञान लेते हुए डेरा सच्चा सौदा की सीबीआई जांच के आदेश दिए। सीबीआई ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।24 अक्तूबर 2002 को सिरसा के सांध्य दैनिक 'पूरा सच' के संपादक रामचन्द्र छत्रपति पर डेरा के गुर्गों द्वारा कातिलाना हमला किया गया। छत्रपति को घर के बाहर बुलाकर पांच गोलियां मारी गईं।25 अक्तूबर 2002 को घटना के विरोध में सिरसा शहर बंद। डेरा सच्चा सौदा के विरोध। उत्तर भारत में मीडियाकर्मी पर हमले को लेकर उबाल। मीडियाकर्मियों ने जगह-जगह धरने-प्रदर्शन किए। 16 नवंबर 2002 को सिरसा में मीडिया की महापंचायत बुलाई गई और डेरा सच्चा सौदा का बाईकाट करने का प्रण लिया। 21 नवंबर 2002 को सिरसा के पत्रकार रामचन्द्र छत्रपति की दिल्ली के अपोलो अस्पताल में मृत्यु हुई।दिसंबर 2002 को छत्रपति परिवार ने पुलिस जांच से असंतुष्ट होकर मुख्यमंत्री से मामले की जांच सीबीआई से करवाए जाने की मांग की। परिवार का आरोप था कि मर्डर के मुख्य आरोपी व साजिशकर्ता को पुलिस बचा रही है। जनवरी 2003 में पत्रकार छत्रपति के पुत्र अंशुल छत्रपति ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर छत्रपति प्रकरण की सीबीआई जांच करवाए जाने की मांग की। याचिका में डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह पर हत्या किए जाने का आरोप लगाया गया। उच्च न्यायालय ने पत्रकार छत्रपति व रणजीत हत्या मामलो की सुनवाई इकठी करते हुए 10 नवंबर 2003 को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने सीबीआई को एफआईआर दर्ज कर जांच के आदेश जारी किए। दिसंबर 2003 में सीबीआई ने छत्रपति व रणजीत हत्याकांड में जांच शुरू कर दी। दिसंबर 2003 में डेरा के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच पर रोक लगाने की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने उक्त याचिका पर जांच को स्टे कर दिया। नवंबर 2004 में दूसरे पक्ष की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने डेरा की याचिका को खारिज कर दिया और सीबीआई जांच जारी रखने के आदेश दिए। सीबीआई ने पुन: उक्त मामलों में जांच शुरू कर डेरा प्रमुख सहित कई अन्य लोगों को आरोपी बनाया। जांच के बौखलाए डेरा के लोगों ने सीबीआई के अधिकारियों के खिलाफ चंडीगढ़ में हजारों की संख्या में एकत्रित होकर प्रदर्शन किया। मई 2007 में डेरा सलावतपुरा (बठिंडा, पंजाब) में डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह ने सिख गुरु गुरुगोबिंद सिंह जैसी वेशभूषा धारण कर फोटो खिंचवाए और उन्हें अखबारों में प्रकाशित करवाया। 13 मई 2007 को सिखों ने गुरु गोबिंद सिंह की नकल किए जाने के विरोध स्वरूप बठिंडा में डेरा प्रमुख का पुतला फूंका। प्रदर्शनकारी सिखों पर डेरा प्रेमियों ने हमला बोल दिया, जिसके बाद 14 मई 2007 को पूरे उत्तर भारत में हिंसक घटनाएं हुईं। सिखों व डेरा प्रेमियों के बीच जगह-जगह टकराव हुए। 17 मई 2007 को प्रदर्शन कर रहे सिखों पर सुनाम में डेरा प्रेमी ने गोली चलाई, जिसमें सिख युवक कोमल सिंह की मौत हो गई, जिसके बाद सिख जत्थेबंदियों ने डेरा प्रमुख की गिरफ्तारी को लेकर आंदोलन किया। पंजाब में डेरा प्रमुख के जाने पर पाबंदी लग गई। डेरा सच्चा सौदा इस मामले में झुकने को तैयार नहीं था। बिगड़ती स्थिति को देखते हुए पूरे पंजाब व हरियाणा में सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया। 18 जून 2007 को बठिंडा की अदालत ने राजेन्द्र सिंह सिद्धू की याचिका पर डेरा प्रमुख के गैर जमानती वारंट जारी कर दिए। जिससे डेरा सच्चा सौदा में और बौखलाहट बढ़ गई और डेरा प्रेमियों ने पंजाब की बादल सरकार के खिलाफ जगह-जगह हिंसक प्रदर्शन किया। 16 जुलाई 2007 को सिरसा के गांव घुक्कांवाली में प्रशासनिक पाबंदी के बावजूद डेरा सच्चा सौदा ने नामचर्चा रखी। नामचर्चा में डेरा प्रमुख काफिले सहित शामिल होने के लिए पहुंचा। सिखों ने काफिले को काले झंडे दिखाए। इस बात से दोनों पक्षों में टकराव शुरू हो गया। देखते ही देखते भीड़ ने उग्र रूप धारण कर लिया और दोनों पक्षों में पथराव शुरू हो गया। डेरा प्रमुख को नामचर्चा बीच में ही छोड़कर भागना पड़ा। 24 जुलाई 2007 को गांव मल्लेवाला में नामचर्चा से विवाद उपजा। एक डेरा प्रेमी ने अपनी बंदूक से फायर कर दिया जिसमें तीन पुलिस कर्मियों सहित आठ सिख घायल हो गए। माहौल फिर से तनावपूर्ण हो गया। सिखों ने डेरा प्रेमियों पर लगाम कसने को लेकर जगह-जगह प्रदर्शन किए। पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने घायलों का हाल-चाल जाना और हरियाणा सरकार से सिखों की सुरक्षा के प्रबंध करने की बात कही। 31 जुलाई 2007 को सीबीआई ने हत्या मामलों व साध्वी यौन शोषण मामले में जांच पूरी कर चालान न्यायालय में दाखिल कर दिया। सीबीआई ने तीनों मामलों में डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह को मुख्य आरोपी बनाया। न्यायालय ने डेरा प्रमुख को 31 अगस्त 2007 तक अदालत में पेश होने के आदेश जारी कर दिया। डेरा ने सीबीआई के विशेष जज को भी धमकी भरा पत्र भेजा जिसके चलते जज को भी सुरक्षा मांगनी पड़ी। न्यायालय ने हत्या तथा बलात्कार जैसे तीनो संगीन मामलों में मुख्य आरोपी डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह को नियमित जमानत दे दी जबकि हत्या मामलो के सहआरोपी जेल में बंद थे।तीनों मामले पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में विचाराधीन हैं। 2007 से लेकर अब तक इन तीनों मामलों की अदालती कार्रवाई को प्रभावित करने के लिए डेरा सच्चा सौदा ने कोई कसर नहीं छोड़ी। वर्ष 2007 में सीबीआई अदालत अंबाला में थी। उस दौरान पेशी के लिए न्यायालय द्वारा अंबाला बुलाए जाने पर डेरा प्रमुख की ओर से वहां हजारों समर्थकों को एकत्रित कर शक्ति प्रदर्शन किया गया और लगातार अदालत पर दबाव की रणनीति के तहत लोगों का हुजूम इक_ा किया गया। लोगों को मुक्ति दिलाने का दावा करने वाले स्वयंभू ईश्वर ने खुद को जान का खतरा बताकर सरकार से जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त की और अदालत से इसी खतरे का हवाला देकर पेशी से परमानेंट छूट दिए जाने की मांग कर डाली। अदालत ने लगातार छूट देने की बजाय पेशी सिरसा अदालत से वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा करवाए जाने की मोहलत डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह को दी। लेकिन सिरसा अदालत में भी गुरमीत सिंह की पेशी के दौरान डेरा के समर्थकों का हुजूम एकत्रित कर लगातार दबाव बनाने की कोशिश जारी है। जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा के बावजूद डेरा प्रमुख को जान का खतरा बताते हुए डेरा सच्चा सौदा से लेकर अदालत परिसर तक डेरा के लठैत पेशी के दौरान मानव शृंखला बनाए रहते हैं। गुरमीत सिंह के डेरा से निकलकर अदालत में पहुंचने तक उस मार्ग को बंद कर दिया जाता है जिससे राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस बीच गुरमीत सिंह द्वारा पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर मामले खारिज करने की मांग कर डाली। लेकिन इसमें भी डेरा सच्चा सौदा सफल नहीं हो पाया तो मामलों को लटकाने की ओर प्रयास तेज कर दिए गए। बार-बार विभिन्न याचिकाएं ऊपरी अदालत में लगाकर निचली अदालत की कार्रवाई बाधित करने के प्रयास डेरा की ओर से किए गए।तीनों मामलों में गवाहियों का दौर अभी तक जारी है। साध्वी यौन शोषण मामले में डेरा पक्ष की ओर से 98 गवाहों की सूची अदालत को सौंपी गई थी। इनमें से 29 गवाहों की गवाही अदालत में दर्ज की जा चुकी थी। सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश आर.के. यादव ने प्रतिवादी पक्ष की और गवाहियां करवाने से इंकार कर दिया। न्यायाधीश ने अंतिम गवाह के रूप में फतहाबाद के टेक चंद सेठी की गवाही पूरी करने के आदेश प्रतिवादी पक्ष को दिए। यहां गौरतलब है कि टेक चंद सेठी की गवाही अदालत में दर्ज हो चुकी थी जबकि उसकी गवाही पर वादी पक्ष की ओर से क्रॉस की कार्रवाई बाकी थी। इस संबंध में टेक चंद सेठी को समन जारी किए गए थे लेकिन डेरा की ओर से साध्वी यौन शोषण मामले में 4 और गवाह करवाए जाने की याचिका लगाई गई। अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए टेक चंद सेठी की गवाही पूर्ण करने की बात प्रतिवादी पक्ष से कही। लेकिन डेरा का गवाह अदालत में हाजिर नहीं हुआ। इस पर अदालत ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए टेक चंद सेठी के गैर जमानती वारंट जारी कर दिए। अब डेरा सच्चा सौदा ने और गवाहों की गवाही करवाने की याचिका लेकर उच्च न्यायालय पहुंचा है।इसके बाद वर्ष 2010 में डेरा के ही पूर्व साधु राम कुमार बिश्नोई ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर डेरा के पूर्व मैनेजर फकीर चंद की गुमशुदगी की सीबीआई जांच मांगी। बिश्नोई का आरोप था कि डेरा प्रमुख के आदेश पर फकीरचंद की हत्या कर दी गयी. इस मामले में भी उच्च न्यायालय ने सीबीआई जांच के आदेश दिए। बौखलाए डेरा प्रेमियों ने हरियाणा, पंजाब व राजस्थान में एक साथ सरकारी सम्पति को नुकसान पहुंचाया और बसों में आगजनी की गई। हालांकि सीबीआई जांच के दौरान मामले में सुबूत नहीं जुटा पायी और क्लोज़र रिपोर्ट फाइल कर दी. बिश्नोई ने उच्च न्यायालय में क्लोज़र को चुनौती दे रखी है। दिसंबर 2012 में सिरसा में डेरा सच्चा सौदा की नामचर्चा को लेकर एक बार फिर सिख व प्रेमी आमने सामने हुए। यहां डेरा प्रेमियों ने गुंडई दिखाई और गुरुद्वारा पर धावा बोला। इसके अलावा सिखों के वाहनों को आग के हवाले किया गया और पत्थर भी फेंके गए। सिरसा में स्थिति को काबू करने के लिए कफ्र्यू लगाना पड़ा। प्रशासन ने डेरा प्रेमियों पर मामला दर्ज कर लिया। फतेहाबाद जिला के कस्बा टोहाना के रहने वाले हंसराज चौहान (पूर्व डेरा साधु) ने 17 जुलाई 2012 को उच्च न्यायालय ने याचिका दायर कर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख पर डेरा के 400 साधुओं को नपुंसक बनाए जाने के आरोप लगाया था। चौहान का कहना था कि डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह के गहने पर डेरा के चिकित्कों की टीम द्वारा साधुओं को नपुंसक बनाया जाता है। इन साधुओं को नपुंसक बनाने के बाद भगवान के दर्शन होने की बात कही जाती है। चौहान ने न्यायालय के समक्ष 166 साधुओं का नाम सहित विवरण प्रस्तुत किया था। चौहान ने अपनी याचिका ने बताया था कि छत्रपति हत्या प्रकरण में आरोपी निर्मल व कुलदीप भी डेरा सच्चा सौदा के नपुंसक साधु है। इसके बाद न्यायालय ने हत्या मामलों में जेल में बंद डेरा के साधुओं के पूछताछ के आदेश दिए जिसमें उन्होंने भी स्वीकार किया कि वे नपुंसक हैं लेकिन वे अपनी मर्जी से बने हैं। याचिका में यह भी बताया गया था कि डेरा के एक साधु विनोद नरूला ने डेरा मुखी की पेशी के समय सिरसा न्यायालय में स्वयं को गोली मारकर आत्महत्या की थी। वह साधु भी नपुंसक ही था। याचिकाकर्ता ने मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की थी। जिसके बाद से यह मामला अदालत में विचाराधीन है। इस मामले में सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने हरियाणा सरकार को एक महीने के अंदर जांच कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी किये हैं।
सुरेन्द्र सिंह हुड्डा 
धन्याबाद सहित 

No comments:

IMPORTANT-------ATTENTION -- PLEASE

क्या डबवाली में BJP की इस गलती को नजर अंदाज किया जा सकता है,आखिर प्रशासन ने क्यों नहीं की कार्रवाई