इंदिरा गांधी पेयजल परियोजना
डबवाली। इंदिरा गांधी पेयजल परियोजना के तहत मिले
मुफ्त पेयजल कनेक्शन से प्यास बुझा रहे दलितों से प्रदेश सरकार ने बिल लेने की पूरी
तैयारी कर ली है। दलितों के विरोध के बीच सरकार ने सर्वे का ड्रामा रच दिया है।
जनस्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के बाद सरकार आगामी कदम उठाएगी। उधर, दलित समाज सरकार
के इस फैसले को दलित विरोधी बता रहा है।

सबसे खास बात यह है कि इंदिरा गांधी पेयजल योजना के तहत
कनेक्शन धारकों को जो बिल भेजे गए हैं, वह भी उपरोक्त नियमों के अनुसार भेजे गए
हैं। कई घरों को दो बिल जारी हुए थे। बिलों के विरोध में समाज के लोगों ने एसडीएम
कार्यालय के आगे प्रदर्शन किया था। इसके बाद सरकार ने सर्वे करवाने के आदेश दिए
हैं। सर्वे की रिपोर्ट 15 दिन के भीतर मांगी है।
रिपोर्ट पर फैसला सरकार लेगी
इंदिरा गांधी पेयजल परियोजना के लाभ पात्रों ने दो बिल आने
की शिकायत की थी। सर्वे करवाकर देखा जा रहा है कि शहर में किन लोगों के पास नियमित
पेयजल कनेक्शन हैं, किनके पास नहीं। रेगुलर या फिर परियोजना वाले कनेक्शन की
रिपोर्ट आने के बाद सरकार के पास भेजा जाएगा, जिस पर सरकार निर्णय लेगी।
संकेत शर्मा, उपमंडल अधिकारी, जनस्वास्थ्य विभाग,
डबवाली
सरकार का फैसला दलित विरोधी
दलित समाज के विजय खनगवाल ने बताया कि सरकार का फैसला दलित
विरोधी है। पिछली सरकार ने दलितों की प्यास बुझाने के लिए टंकियां, कनेक्शन दिए थे।
अब सरकार गरीबों को पानी देने के नाम पर पैसा मांग रही है। उन्होंने विरोध किया तो
सरकार सर्वे की नौटंकी करके अपने कर्त्तव्य की इतिश्री कर रही है।
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