Join Us On What'apps 09416682080

?? Dabwali ????? ?? ???? ????, ?? ?? ?? ??? ???? ??????? ???? ?? ??? ?? ??????? ?? ?????????? ?? ?? ??????, ?? ????? ?? ???? ???????? ???? ???? dblnews07@gmail.com ?? ???? ??????? ???? ?????? ????? ????? ?? ????? ?????????? ?? ???? ???? ??? ?? ???? ?????? ????? ???? ????? ??? ?? 9416682080 ?? ???-??, ????-?? ?? ?????? ?? ???? ??? 9354500786 ??

Trending

3/recent/ticker-posts

Labels

Categories

Tags

Most Popular

Contact US

Powered by Blogger.

DO YOU WANT TO EARN WHILE ON NET,THEN CLICK BELOW

Subscribe via email

times deal

READ IN YOUR LANGUAGE

IMPORTANT TELEPHONE NUMBERS

times job

Blog Archive

टाईटल यंग फ्लेम ही क्यूं?

Business

Just Enjoy It

Latest News Updates

Followers

Followers

Subscribe

Lorem Ipsum is simply dummy text of the printing and typesetting industry. Lorem Ipsum has been the industry's.

Pages

Most Popular

मसाज सेंटर पर पुलिस का छापा ,पंजाब पुलिसकर्मी समेत चार दबोचे
चेयरमैन आदित्य देवीलाल चौटाला ने किया दो नए खरीद केंद्र का शिलान्यास व एक सड़क का उद्घाटन
स्टेराइयड की दवा की तलाश में की छापेमारी, ब्लैक फंगस की वजह से किया गया है प्रतिबंधित
एक स्पताह में होगी स्थाई तहसीलदार की नियुक्ति: राजा  संरा
BREAKING NEWS  लॉकडाउन 4. 0  डबवाली में कोरोना ने दी दस्तक
मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने चारों तरफ से घेरा तो गैंगस्टर्स ने कर लिया सुसाइड
 Corona Update - 65 पॉजिटिव, 60 डिस्चार्ज
मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल पर फेंका गया जूता
हरियाणा में बढ़ा लॉकडाउन ,अगले एक हफ्ते के लिए सख्ताई और भी कड़ी अब ऐसे होगी नई गाइडलाइन्स
इंकम टैक्स के छापे पंजाब में, कंपकंपी हरियाणा में! 25 दिसंबर को पूरे हरियाणा में मंडी बंद रखने का ऐलान

Popular Posts

Secondary Menu
recent
Breaking news

Featured

Haryana

Dabwali

Dabwali

health

[health][bsummary]

sports

[sports][bigposts]

entertainment

[entertainment][twocolumns]

Comments

सरकार कर रही वज्रपात, किसानों और आढ़तियों का रिश्ता टूटने की कगार पर

#dabwalinews.com
नरेश अरोड़ा
सरकार चंद बड़ी-बड़ी कंपनियों को छोडक़र अन्य व्यापारियों पर लगातार कुठाराघात कर रही है। इस समय यदि को सबसे अधिक असहाय महसूस कर रहा है तो वह व्यापारी वर्ग। व्यापारी हर तरफ से घिरा हुआ नजर आ रहा है और यंू अहसास होने लगा है कि व्यापारी वर्ग को उजाडऩे और उसे सडक़ पर लाने के लिए सरकार चुनौतिपूर्ण निर्णय ले रही है। जिसके कारण व्यापारी वर्ग पूरी तरह सरकार के समक्ष बगावत करता दिखाई दे रहा है। सरकार ने व्यापारी वर्ग पर नये-नये कर, नये कानूनों का बोझ लादकर उसे पंगु बनाने में कोई कौर कसर नही छोड़ी और यह सिलसिला अभी भी जारी है। व्यापारी वर्ग स्वयं को असहाय और ठगा सा महसूस कर रहा है।
केंद्र सरकार ने नोटबंदी की तो व्यापारी वर्ग और आमजन कुछ नहीं बोला और चुपचाप सरकारी आदेश पर बैंक की कतार में जा खड़ा हुआ। वहीं सरकार ने बड़ी-बड़ी कंपनियों को अपना रूपया खपाने के लिए अवसर भी दिया , तब भी खामोश रहा। डिजिटल इंडिया के नाम जो हुआ वह सबके सामने हैं। बड़ी कंपनियों ने जहां अपना पुराना धन खपाया तो वहीं दो नम्बर का धन एक नम्बर में करने का लाभ भी उठाया लेकिन छोटा व मंझला व्यापारी मन मसोस कर रह गया। फिर जीएसटी लगाया तो व्यापारी वर्ग अब तक उससे उभर नहीं पाया और भविष्य उभरने के आसार भी कम हैंवहीं आमजन को महंगाई की आग में भी झोंक दिया है, जिसके चलते व्यापार चौपट हो रहा है। अब हरियाणा सरकार ने आढ़तियों और किसानों के रिश्ते पर चोट कर दी है। सरकार का कहना है कि किसान को फसल की एवज में मिलने वाला पैसा सीधा बैंकों में जमा होगा। ऐसे में आढ़त का व्यवसाय करने वाला व्यापारी चिंतित है। एक ओर जहां उसे अपना पैसा डूबने का डर सता रहा है तो वहीं बेरोजगारी के दंश से भी दहला हुआ हैै। जिसके चलते आढ़त का व्यवसाय करने वाले व्यापारी पूरी तरह खौफजदा हैं। सरकार शायद यह भूल रही है कि किसान व आढ़ती का रिश्ता केवल धन लेने देने का ही नहीं बल्कि आत्मीयता का रिश्ता भी है। अधिकतर किसान आज भी निरक्षर है। अनेक किसानों को अपना घर चलाने से लेकर फसल की कटाई-बढ़ाई से लेकर घर में होने वाले कार्यक्रमों के लिए भी हमेशा आढ़ती का ही आसरा रहा है। कीटनाशक दवा, बीज, विवाह अथवा शोक के लिए जब भी जरूरत पड़ती है तो किसान आढ़ती का ही दरवाजा खटखटाता है। चाहे फसल हो या न हो आढ़ती हर समय किसान के लिए आढ़ती ही आसान बैंक के रूप में नजर आता है और आढ़ती भी किसान की मदद के लिए हर समय तैयार रहता है। मुसीबत के समय में जमींदार के पास आढ़ती ही एक सहारा होता है। अब सरकार इस सहारे को जहां छिनने का मन बना चुकी है तो वहीं आढ़ती और किसान के रिश्तों पर तलवार चलाने जा रही है। सरकार के इस निर्णय से आढ़ती वर्ग बेहद परेशान है और आढ़तियों का मानना है कि बैंक ब्याज पर हर कार्य के लिए किसान को धन मुहैया करवाते हैं। इसी लेन देन से उनका व्यवसाय चलता है। आढ़तियों को यह भी भय सता रहा है कि किसान की फसल का पैसा यदि सीधा बैंकों में जाएगा तो पूर्व में दिया हुआ धन डूब जाएगा। नि:संदेह ऐसा हो भी सकता है और नही भी। आढ़ती से केवल वहीं किसान पैसा उठाते हैं जिनके पास या तो कृषि भूमि कम अथवा ठेके पर जमीन लेकर कृषि कार्य करते हैं। बड़े-बड़े जमींदारों को इसकी आवश्यकता बहुत कम पड़ती है। सरकार को इसके लिए कोई आसान रास्ता निकालना चाहिए ताकि आढ़ती और किसान का रिश्ता पहले की भांति कायम रहे। अगर सरकार ने कुछ नहीं किया तो आढ़त का व्यवसाय करने वाले व्यापारियों सहित अन्य वर्ग भी अन्य प्रदेशों की ओर रूख करते हुए पलायन करने को मजबूर हो जाएगा।

No comments:

IMPORTANT-------ATTENTION -- PLEASE

क्या डबवाली में BJP की इस गलती को नजर अंदाज किया जा सकता है,आखिर प्रशासन ने क्यों नहीं की कार्रवाई