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ऑनलाइन राशन वितरण प्रणाली टांय-टांय फिस्स ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क नहीं कर रहा काम, दो माह में टूटा आइडिया का नेटवर्क
#dabwalinews.com
डबवाली ।
मात्र दो माह में ही प्रदेश सरकार द्वारा ऑनलाइन राशन वितरण प्रणाली को जोर का झटका लगा है। सरकार ने जिस एजेंसी के माध्यम से ऑनलाइन राशन वितरण करने का अनुबंध किया था, उस एजेंसी का ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क ही काम नहीं कर रहा। सरकार से इस सुविधा की एवज में लाखों रुपये क्लेम करने वाली एजेंसी की पॉश मशीनों में भी फाल्ट बताया जा रहा है। परिणामस्वरूप हजारों उपभोक्ता राशन के लिए भटक रहे है और डिपू होल्डरों को भी उपभोक्ताओं के गुस्से का शिकार होना पड़ रहा है।
प्रदेश सरकार द्वारा राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने तथा घपले-घोटालों पर रोकथाम लगाने केलिए ऑनलाइन राशन वितरण प्रणाली अपनाई गई थी। प्रदेश में जून-2017 में इसकी शुरूआत की गई। सरकार द्वारा विजनटेक कंपनी के अनुबंध किया गया। इस कंपनी द्वारा गांव-गांव में ऑनलाइन पद्वति से राशन वितरण में सहयोग करने का दावा किया गया। अनुबंध के अनुसार डिपू होल्डरों को पॉश मशीनें जारी की गई।
इन मशीनों के माध्यम से ही उपभोक्ताओं को राशन दिया जाना था। उपभोक्ता के अंगूठे के निशान का मिलान होने पर ही राशन जारी किए जाने का प्रावधान किया गया। शुरूआती दो माह तो बिना किसी व्यवधान के बीत गए लेकिन पिछले दो माह से ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क काम नहीं कर रहा। परिणाम स्वरूप पॉश मशीनें काम नहीं कर रहीं। मशीनों के काम न करने के कारण राशन वितरण का कार्य ठप हो गया। ग्रामीण उपभोक्ता सस्ती दर का राशन लेने के लिए डिपू होल्डर के पास बार-बार चक्कर लगाते है और डिपू होल्डर को कोस रहें है। डिपू होल्डर को ही उपभोक्ताओं के गुस्से का शिकार होना पड़ रहा है। लेकिन समस्या का समाधान अब तक नहीं खोजा गया है। सरकार ने जिस कंपनी विजनटेक से अनुबंध किया गया है, उसने आइडिया मोबाइल कंपनी से टाईअप किया हुआ है। आइडिया का नेटवर्क ग्रामीण इलाकों में नहीं आ रहा। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा आइडिया कंपनी के प्रतिनिधियों को अनेक बार चेताया जा चुका है लेकिन समाधान ढाक के तीन पात बना हुआ है।
कुछ नेटवर्क और कुछ डिवाइस में कमी
आइडिया कंपनी के नेटवर्क इंजीनियर प्रदीप शर्मा ने बताया कि उन्होंने जिला के 100 से अधिक गांवों में जांच की थी। जांच में कुछ जगह नेटवर्क की दिक्कत सामने आई। जबकि कुछ जगह डिवाइस मशीन में दिक्कत देखेन को मिली। उन्होंने बताया कि राशन वितरण के लिए डिपू होल्डरों को जो डिवाइस मशीनें दी गई है, उनके एंटीना कम क्षमता के है। कंपनी की ओर से पहले लाइट वर्जन इस्तेमाल किया जा रहा था, इसलिए दिक्कत नहीं आई। अब कंपनी की ओर हैवी वर्जन इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसकी वजह से पिछले दो माह से दिक्कत आ रही है।
60 से अधिक गावों में नहीं रेंज
पॉश मशीनों के काम न करने और मोबाइल की रेंज न होने की शिकायत मिलने पर आइडिया कंपनी के प्रतिनिधि भी सिरसा आए। उन्होंने 100 से अधिक गांवों का दौरा किया। बताया जाता है कि जांच के दौरान 60 से अधिक गांवों में रेंज ही नहीं पाई गई। रोचक जानकारी यह सामने आई कि गांव डिंग में आइडिया कंपनी का टॉवर लगा है। यहां टॉवर के नीचे भी रेंज नहीं आ रही, जबकि इस एरिया में वोडाफोन की रेंज है। ऐसे में राशन वितरण के लिए पॉश मशीनें खिलौना साबित हो रही है।
इन गांवों से रेंज गायब
जांच के दौरान आइडिया के अधिकारियों ने भी माना कि झोपड़ा, अलीकां, बुढाभाणा, रोड़ी, मलड़ी, थिराज, मंगाला, मीरपुर, अहमदपुर, रामपुरा सहित पांच दर्जन गांवों में रेंज नहीं है। कंपनी के अधिकारियों ने इस बारे में लिखित यह स्वीकार किया और इस बारे में अपने उच्चाधिकारियों से पत्राचार भी किया। लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।
डबवाली ।
मात्र दो माह में ही प्रदेश सरकार द्वारा ऑनलाइन राशन वितरण प्रणाली को जोर का झटका लगा है। सरकार ने जिस एजेंसी के माध्यम से ऑनलाइन राशन वितरण करने का अनुबंध किया था, उस एजेंसी का ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क ही काम नहीं कर रहा। सरकार से इस सुविधा की एवज में लाखों रुपये क्लेम करने वाली एजेंसी की पॉश मशीनों में भी फाल्ट बताया जा रहा है। परिणामस्वरूप हजारों उपभोक्ता राशन के लिए भटक रहे है और डिपू होल्डरों को भी उपभोक्ताओं के गुस्से का शिकार होना पड़ रहा है।
प्रदेश सरकार द्वारा राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने तथा घपले-घोटालों पर रोकथाम लगाने केलिए ऑनलाइन राशन वितरण प्रणाली अपनाई गई थी। प्रदेश में जून-2017 में इसकी शुरूआत की गई। सरकार द्वारा विजनटेक कंपनी के अनुबंध किया गया। इस कंपनी द्वारा गांव-गांव में ऑनलाइन पद्वति से राशन वितरण में सहयोग करने का दावा किया गया। अनुबंध के अनुसार डिपू होल्डरों को पॉश मशीनें जारी की गई।
इन मशीनों के माध्यम से ही उपभोक्ताओं को राशन दिया जाना था। उपभोक्ता के अंगूठे के निशान का मिलान होने पर ही राशन जारी किए जाने का प्रावधान किया गया। शुरूआती दो माह तो बिना किसी व्यवधान के बीत गए लेकिन पिछले दो माह से ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क काम नहीं कर रहा। परिणाम स्वरूप पॉश मशीनें काम नहीं कर रहीं। मशीनों के काम न करने के कारण राशन वितरण का कार्य ठप हो गया। ग्रामीण उपभोक्ता सस्ती दर का राशन लेने के लिए डिपू होल्डर के पास बार-बार चक्कर लगाते है और डिपू होल्डर को कोस रहें है। डिपू होल्डर को ही उपभोक्ताओं के गुस्से का शिकार होना पड़ रहा है। लेकिन समस्या का समाधान अब तक नहीं खोजा गया है। सरकार ने जिस कंपनी विजनटेक से अनुबंध किया गया है, उसने आइडिया मोबाइल कंपनी से टाईअप किया हुआ है। आइडिया का नेटवर्क ग्रामीण इलाकों में नहीं आ रहा। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा आइडिया कंपनी के प्रतिनिधियों को अनेक बार चेताया जा चुका है लेकिन समाधान ढाक के तीन पात बना हुआ है।
कुछ नेटवर्क और कुछ डिवाइस में कमी
आइडिया कंपनी के नेटवर्क इंजीनियर प्रदीप शर्मा ने बताया कि उन्होंने जिला के 100 से अधिक गांवों में जांच की थी। जांच में कुछ जगह नेटवर्क की दिक्कत सामने आई। जबकि कुछ जगह डिवाइस मशीन में दिक्कत देखेन को मिली। उन्होंने बताया कि राशन वितरण के लिए डिपू होल्डरों को जो डिवाइस मशीनें दी गई है, उनके एंटीना कम क्षमता के है। कंपनी की ओर से पहले लाइट वर्जन इस्तेमाल किया जा रहा था, इसलिए दिक्कत नहीं आई। अब कंपनी की ओर हैवी वर्जन इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसकी वजह से पिछले दो माह से दिक्कत आ रही है।
60 से अधिक गावों में नहीं रेंज
पॉश मशीनों के काम न करने और मोबाइल की रेंज न होने की शिकायत मिलने पर आइडिया कंपनी के प्रतिनिधि भी सिरसा आए। उन्होंने 100 से अधिक गांवों का दौरा किया। बताया जाता है कि जांच के दौरान 60 से अधिक गांवों में रेंज ही नहीं पाई गई। रोचक जानकारी यह सामने आई कि गांव डिंग में आइडिया कंपनी का टॉवर लगा है। यहां टॉवर के नीचे भी रेंज नहीं आ रही, जबकि इस एरिया में वोडाफोन की रेंज है। ऐसे में राशन वितरण के लिए पॉश मशीनें खिलौना साबित हो रही है।
इन गांवों से रेंज गायब
जांच के दौरान आइडिया के अधिकारियों ने भी माना कि झोपड़ा, अलीकां, बुढाभाणा, रोड़ी, मलड़ी, थिराज, मंगाला, मीरपुर, अहमदपुर, रामपुरा सहित पांच दर्जन गांवों में रेंज नहीं है। कंपनी के अधिकारियों ने इस बारे में लिखित यह स्वीकार किया और इस बारे में अपने उच्चाधिकारियों से पत्राचार भी किया। लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।
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Reviewed by DabwaliNews
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7:11:00 PM
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IMPORTANT-------ATTENTION -- PLEASE
क्या डबवाली में BJP की इस गलती को नजर अंदाज किया जा सकता है,आखिर प्रशासन ने क्यों नहीं की कार्रवाई
fv
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