डबवाली (सुखपाल )।
पंजाब नेशनल बैंक की चोरमार शाखा के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। गांव पिपली निवासी व्यक्ति ने बैंक से लोन की एवज में जो भूमि गिरवी रखी थी, उसे दूसरे को बेच डाला। बैंक प्रबंधक की ओर से शहर डबवाली थाना में आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया गया है।
पीएनबी चोरमार शाखा के प्रबंधक द्वारा पुलिस में दर्ज करवाई गई शिकायत में बताया कि गांव पिपली निवासी बूटाराम पुत्र सुखदेव ने बैंक शाखा से 27 फरवरी 2008 को केसीसी स्कीम के तहत एक लाख रुपये का लोन लिया था। इसकी एवज में अपनी 18 कनाल 7 मरला भूमि रहन रखी थी। बैंक की ओर से रहन का रजिस्टर्डनामा भी करवाया गया और रहननामे का इंद्राज करवाने के लिए रिकार्ड माल में आवेदन किया। श्योदत्त कुमार पटवारी टीएससी डबवाली ने इस बाबत रपट भी बैंक को दी कि रोजनामचे में रपट दर्ज कर ली गई है। शाखा प्रबंधक की ओर से बताया गया कि बूटाराम द्वारा बैंक की शर्तों के अनुसार लोन की अदायगी नहीं की गई। वहीं उन्हें पता चला कि बूटा राम ने पटवारी श्योदत्त के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा गया। जिसके कारण रहननामे का इंद्राज जमाबंदी में नहीं किया गया। जो भूमि पीएनबी के पास गिरवी थी, बूटाराम ने वह भूमि वर्ष 2014 में किसी अन्य को बेच डाली। बूटाराम व पटवारी श्योदत्त ने धोखाधड़ी की है। इस शिकायत पर शहर डबवाली पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ भादंसं की धारा 420, 406, 34 के तहत मामला दर्जकर जांच शुरू कर दी है।
पंजाब नेशनल बैंक की चोरमार शाखा के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। गांव पिपली निवासी व्यक्ति ने बैंक से लोन की एवज में जो भूमि गिरवी रखी थी, उसे दूसरे को बेच डाला। बैंक प्रबंधक की ओर से शहर डबवाली थाना में आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया गया है।
पीएनबी चोरमार शाखा के प्रबंधक द्वारा पुलिस में दर्ज करवाई गई शिकायत में बताया कि गांव पिपली निवासी बूटाराम पुत्र सुखदेव ने बैंक शाखा से 27 फरवरी 2008 को केसीसी स्कीम के तहत एक लाख रुपये का लोन लिया था। इसकी एवज में अपनी 18 कनाल 7 मरला भूमि रहन रखी थी। बैंक की ओर से रहन का रजिस्टर्डनामा भी करवाया गया और रहननामे का इंद्राज करवाने के लिए रिकार्ड माल में आवेदन किया। श्योदत्त कुमार पटवारी टीएससी डबवाली ने इस बाबत रपट भी बैंक को दी कि रोजनामचे में रपट दर्ज कर ली गई है। शाखा प्रबंधक की ओर से बताया गया कि बूटाराम द्वारा बैंक की शर्तों के अनुसार लोन की अदायगी नहीं की गई। वहीं उन्हें पता चला कि बूटा राम ने पटवारी श्योदत्त के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा गया। जिसके कारण रहननामे का इंद्राज जमाबंदी में नहीं किया गया। जो भूमि पीएनबी के पास गिरवी थी, बूटाराम ने वह भूमि वर्ष 2014 में किसी अन्य को बेच डाली। बूटाराम व पटवारी श्योदत्त ने धोखाधड़ी की है। इस शिकायत पर शहर डबवाली पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ भादंसं की धारा 420, 406, 34 के तहत मामला दर्जकर जांच शुरू कर दी है।
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