Join Us On What'apps 09416682080

?? Dabwali ????? ?? ???? ????, ?? ?? ?? ??? ???? ??????? ???? ?? ??? ?? ??????? ?? ?????????? ?? ?? ??????, ?? ????? ?? ???? ???????? ???? ???? dblnews07@gmail.com ?? ???? ??????? ???? ?????? ????? ????? ?? ????? ?????????? ?? ???? ???? ??? ?? ???? ?????? ????? ???? ????? ??? ?? 9416682080 ?? ???-??, ????-?? ?? ?????? ?? ???? ??? 9354500786 ??

Trending

3/recent/ticker-posts

Labels

Categories

Tags

Most Popular

Contact US

Powered by Blogger.

DO YOU WANT TO EARN WHILE ON NET,THEN CLICK BELOW

Subscribe via email

times deal

READ IN YOUR LANGUAGE

IMPORTANT TELEPHONE NUMBERS

times job

Blog Archive

टाईटल यंग फ्लेम ही क्यूं?

Business

Just Enjoy It

Latest News Updates

Followers

Followers

Subscribe

Lorem Ipsum is simply dummy text of the printing and typesetting industry. Lorem Ipsum has been the industry's.

Pages

Most Popular

इंकम टैक्स के छापे पंजाब में, कंपकंपी हरियाणा में! 25 दिसंबर को पूरे हरियाणा में मंडी बंद रखने का ऐलान
मसाज सेंटर पर पुलिस का छापा ,पंजाब पुलिसकर्मी समेत चार दबोचे
स्टेराइयड की दवा की तलाश में की छापेमारी, ब्लैक फंगस की वजह से किया गया है प्रतिबंधित
एएनसी स्टाफ डबवाली टीम ने 03 ग्राम हिरोईन (चिट्टा ) मोटरसाईकल सहित एक को दबोचा
3.25 ग्राम हैरोईन (चिट्टा) के साथ एक नौजवान काबू
5.15 ग्राम हैरोईन (चिट्टा) के साथ मोटरसाईकिल सहित एक नौजवान काबू
 सदर डबवाली पुलिस ने एसडीओ की शिकायत पर किया मामला दर्ज
"अनुशासन का पालन करना कड़वा होता है, लेकिन फल बहुत मीठा होता है" - डॉ दीप्ति शर्मा
एक स्पताह में होगी स्थाई तहसीलदार की नियुक्ति: राजा  संरा
चौटाला चौंकी पुलिस द्वारा शस्त्र अधिनियम के एक मामले में असल तस्कर को किया गिरफ्तार

Popular Posts

Secondary Menu
recent
Breaking news

Featured

Haryana

Dabwali

Dabwali

health

[health][bsummary]

sports

[sports][bigposts]

entertainment

[entertainment][twocolumns]

Comments

नगर परिषद में गली निर्माण में जोरदार खेल ! धनुषाकार में बनाई जा रही गलियां

Dabwalinews.com
सिरसा। नगर परिषद में धांधली का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा। कई वर्षों के बाद गलियों के निर्माण का नंबर आया तो इसमें भी धांधली बरते जाने लगी है।
शहर की स्लम बस्ती में शुमार वार्ड नंबर-एक चत्तरगढ़पट्टी की 52 गलियों को पक्का करने की मंजूरी मिली है। लेकिन इन गलियों के निर्माण में बरती जा रही कथित अनियमितता को लेकर नगर परिषद के अधिकारियों ने आंखें मूंद ली है। परिणाम स्वरूप गलियों का स्वरूप धनुष के आकार का बना हुआ है। यानि कहीं पर गली का लेवल ऊंचा कर दिया गया है और कहीं पर नीचे।
वार्ड नंबर-एक की गली सरकारी डिस्पेंसरी वाली निर्माण का अजूबा है। इस गली का लेवल शुरू में सड़क के समान लिया गया है। कुछ फुट दूर जाने पर उसे ऊंचा कर दिया गया है। फिर कुछ फुट दूर जाने पर इसे नीचे कर दिया गया है। फिर इसे ऊंचा कर दिया गया है। यानि जहां गली का लेवल नीचे करने के लिए कहा गया, वहां नीचे कर दिया गया और जहां लोगों ने ऊंचा करने के लिए कहा, वहां उसे ऊंचा कर दिया गया। इस प्रकार गली ने धनुष का आकार ले लिया है।हैरानी की बात यह है कि वार्ड की सबसे लंबी गली में शुमार सरकारी डिस्पेंसरी वाली गली के निर्माण को दूर से देखकर ही इसके लेवल का अंदाजा लगाया जा सकता है। जिसे आमजन देख सकता है, उसे नगर परिषद का ठेकेदार नहीं देख पाता। नगर परिषद के जेई, एमई और ईओ को भी कैसे दिखाई नहीं देता? क्या नगर परिषद के अधिकारी देखना ही नहीं चाहते? क्या वजह है कि उन्हें सरकारी डिस्पेंसरी वाली गली के लेवल के धनुषाकार होने पर भी आंखें मूंदी हुई है?

इंटरलॉक गलियों को किया चिह्नित

 वार्ड नंबर-एक चत्तरगढ़पट्टी में लगभग उन्हीं गलियों को इंटरलॉक बनाने के लिए चिह्नित किया गया है, जो पहले इंटरलॉक बनी हुई थी। इन गलियों को पुन: बनाने के पीछे नगर परिषद के अधिकारियों और ठेकेदारों की कथित सांठगांठ नजर आती है। चूंकि पहले से बनी गलियों में कई ट्राली इंटरलॉक टाइलें हासिल होती है, जिन्हें बेचकर कमाइ की जा सकती है। दूसरा इन गलियों में अर्थ वर्क नहीं करना पड़ता। बल्कि अनेक गलियों से तो मिट्टी को लेवल करते समय निकाला गया है। वार्ड में जो गलियां पिछले कई सालों से कच्ची पड़ी है और जिनसे लोगों का आवागमन होता है, शायद ही उन गलियों का नंबर इसमें शुमार नहीं किया गया है।

सीएम विंडो की भी अनदेखी

चत्तरगढ़पट्टी के निवासियों द्वारा कच्ची गलियों को पक्का बनाने के लिए सीएम विंडो पर आग्रह किया गया था। सीएम विंडो पर दाखिल ऐसी शिकायतों का यह कहकर निपटारा किया गया था कि निकट भविष्य में बनवाए जाने पर गलियों को पक्का किया जाएगा। जिन गलियों में पूरी आबादी है, उनकी अनदेखी की गई है। जबकि जिन गलियों में दो-चार घर ही बने है। उन गलियों को बना डाला गया है।

 न सीवर और न पेयजल, बनाई जा रही गली

 चत्तरगढ़पट्टी में गलियों के निर्माण में किस प्रकार की धांधली बरती जा रही है, उसका एक उदाहरण यह है कि जिस गली में न तो सीवरेज की लाइन है और न ही पेयजल की। नगर परिषद द्वारा उस गली को भी पक्का बनाने का कार्य किया जा रहा है। जिससे जनता की पैसे की बर्बादी होना तय है। चूंकि गली बनने के बाद जब पानी और सीवर की लाइन डाली जाएगी, तब गली को उधेड़ दिया जाएगा। बेहतर होता कि गली निर्माण से पहले सीवर और पेयजल की लाइन बिछायी जाती। मगर, बहती गंगा में हाथ धोने की जल्दी है?

कोलोनाइजरों को परोक्ष लाभ

नगर परिषद के खजाने से बनाई जा रही गलियों के मामले में परोक्ष रूप से कोलोनाइजरों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। चूंकि वार्ड में करोड़ों रुपये की राशि से जिन सड़कों और गलियों का निर्माण किया जा रहा है, उनमें अधिकांश प्लॉट खाली है। जब सड़क अथवा गली पक्की होगी, तब इन प्लॉट के रेट भी महंगे होंगे। जिसका लाभ प्लॉटधारकों को सीधे तौर पर होना है। चूंकि कालोनी में चंद लोगों के पास ही अधिकांश प्लॉट है और वे ही खरीद-बेच करते है। इस प्रकार गलियों और सड़कों के निर्माण से सीधे-सीधे उनके हित साधे जा रहे है। जबकि पैसा आम आदमी से वसूले गए टैक्स का है।

निर्माण में बरती जा रही धांधली!

वार्ड में एक समय में कई गलियों का निर्माण किया जा रहा है। इस वजह से कई गलियों को उधेड़कर रख दिया गया है। बरसात के समय इन गलियों में दलदल की स्थिति बन जाती है। अब हरेक गलीवासी सबसे पहले अपनी गली पक्की करवाना चाहता है। परेशान होने की एवज से घटिया निर्माण, बगैर लेवल, बिना झरने के बनाई जा रही गलियों पर वह चुप्पी साध लेता है। हो सकता है कि कुछ गलियों का निर्माण ठीकठाक हो रहा होगा परंतु अधिकतर में सूत्रों के अनुसार जमकर धांधली बरती जा रही है। इससे भी अधिक हैरानी इस बात की है कि गली का निर्माण मजदूरों द्वारा अपने स्तर पर किया जा रहा है। न ठेकेदार कहीं दिखाई देता है, न विभागीय जेई, एमई या एक्सईएन ही दिखाई देता है। गली निर्माण का शुभारंभ करने के लिए कोई नारियल फोडऩे भी नहीं आता? ऐसे में शिकायत करें भी तो किससे?

गली खुर्दबुर्द होने की भी आशंका

 चत्तरगढ़पट्टी के निवासियों को इस आशय की भी आशंका बनी हुई है कि कहीं कोई गली कागजों में ही न बना दी जाए। चूंकि विजिलेंस जांच में पहले भी वार्ड नंबर-एक चत्तरगढ़पट्टी की एक गली को कागजों में ही बनाया जाना पाया गया था। गली निर्माण में धांधली की शिकायत पर विजिलेंस विभाग ने जब रेंडमली कुछ गलियों को जांच के लिए चुना, तब चत्तरगढ़पट्टी की एक गली मिली ही नहीं। इस गली का नगर परिषद के अधिकारियों ने कागजों में ही निर्माण दर्शा रखा था। गली निर्माण में धांधली बरते जाने पर ही विजिलेंस विभाग द्वारा तत्कालीन ईओ, एमई, जेई सहित आधा दर्जन अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज किया था।

नौटंकी की इंतिहा!

 गलियों के निर्माण में एक तरफ जमकर धांधली बरती जा रही है, दूसरी ओर नगर परिषद के अधिकारी यह प्रचार कर रहे है कि कहीं धांधली नजर आए तो इसकी शिकायत करें। लोगों से कहा जा रहा है कि यदि गली का लेवल सही नहीं है, सामग्री समुचित नहीं है तो उन्हें सूचित करें। नगर परिषद के ईओ, कार्यकारी अभियंता और चेयरपर्सन के नंबर सार्वजनिक किए गए है। तब गलियों पर साइन बोर्ड क्यों नहीं लगवा दिए जाते? जिस पर गली की लंबाई-चौड़ाई अंकित हों। निर्माण करने वाले ठेकेदार का नाम, फर्म का नाम अंकित हो। एकत्रित की टाइलों का हिसाब हों। निर्माण सामग्री का पूरा ब्यौरा अंकित हो। क्या-क्या और कितना-कितना मैटीरियएल इस्तेमाल हो, यह अंकित किया जाना चाहिए। निर्माण सामग्री की क्वालिटी बारे भी स्पष्ट किया जाए। गली निर्माण की मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारी का नाम अंकित हों, उसका संपर्क नंबर अंकित हो। गली उधेडऩे के बाद गली बनाने की समय सीमा भी अंकित होनी चाहिए। मगर, जिन्हें देखकर भी दिखाई नहीं देता, उनकी पारदर्शिता की बात हास्यापद लगती है।

No comments:

IMPORTANT-------ATTENTION -- PLEASE

क्या डबवाली में BJP की इस गलती को नजर अंदाज किया जा सकता है,आखिर प्रशासन ने क्यों नहीं की कार्रवाई