Join Us On What'apps 09416682080

?? Dabwali ????? ?? ???? ????, ?? ?? ?? ??? ???? ??????? ???? ?? ??? ?? ??????? ?? ?????????? ?? ?? ??????, ?? ????? ?? ???? ???????? ???? ???? dblnews07@gmail.com ?? ???? ??????? ???? ?????? ????? ????? ?? ????? ?????????? ?? ???? ???? ??? ?? ???? ?????? ????? ???? ????? ??? ?? 9416682080 ?? ???-??, ????-?? ?? ?????? ?? ???? ??? 9354500786 ??

Trending

3/recent/ticker-posts

Labels

Categories

Tags

Most Popular

Contact US

Powered by Blogger.

DO YOU WANT TO EARN WHILE ON NET,THEN CLICK BELOW

Subscribe via email

times deal

READ IN YOUR LANGUAGE

IMPORTANT TELEPHONE NUMBERS

times job

Blog Archive

टाईटल यंग फ्लेम ही क्यूं?

Business

Just Enjoy It

Latest News Updates

Followers

Followers

Subscribe

Lorem Ipsum is simply dummy text of the printing and typesetting industry. Lorem Ipsum has been the industry's.

Pages

Most Popular

प्लंबर की बदली किस्मत, डेढ़ करोड़ की लॉटरी जीतकर बना करोड़पति
डबवाली’ का नाम बदलकर ‘डबवाली’ करने की मांग तेज,मंडी’ शब्द अब अनावश्यक: इकबाल शांत
मसाज सेंटर पर पुलिस का छापा ,पंजाब पुलिसकर्मी समेत चार दबोचे
SI चेतराम बने ओरनरी निरीक्षक के पद पर पदोन्नत,एस पी सिद्धान्त जैन ने कंधे पर स्टार लगाकर दी बधाई
 महिला पुलिस सिखा रही है मनचलों को सबक
ठिठुरती सर्दी में भी टिन के शैड तले रहने को मजबूर था दिव्यांग का परिवार, सामाजिक संस्था सुरक्षा ने पक्का मकान बनवा दिया -विधायक आदित्य देवीलाल ने रिबन काटकर परिवार को करवाया गृह प्रवेश
एसडीएम अर्पित संगल ने समाधान शिविर में सुनी जन-समस्याएं
 सीआईए डबवाली ने 100 लीटर लाहन के साथ एक को दबोचा
पूज्य श्री राजाराम जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित
 डबवाली पुलिस ने रैम्बो व शेरू (डॉग स्क्वायड (खोजी कुत्ता)की मदद से संगरिया बॉर्डर पर की चेकिंग

Popular Posts

Secondary Menu
recent
Breaking news

Featured

Haryana

Dabwali

Dabwali

health

[health][bsummary]

sports

[sports][bigposts]

entertainment

[entertainment][twocolumns]

Comments

पुलवामा CRPF हमले के बाद पाकिस्तान पर कार्रवाई के लिए किस हद तक जा सकता है भारत: नज़रिया

पुलवामा हमलाइमेज कॉपीरइटGETTY IMAGES
भारत प्रशासित कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफ़िले पर हुए हमले के बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि उन्होंने जवाबी कार्रवाई के लिए सेना को पूरी छूट दी है.
यह हमला बीते तीन दशक में भारत पर हुआ सबसे ख़तरनाक चरमपंथी हमला है.
इस हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि "चरमपंथी संगठन और उनके मददगारों" को "बड़ी क़ीमत" चुकानी होगी.
वहीं गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को ज़िम्मेदार ठहराते हुए "करारा जवाब" देने की धमकी भी दी है. मीडिया में भी आक्रामकता के सुर हैं और कुछ प्रभावी टीवी चैनल तो बदला लेने के लिए उतावले दिख रहे हैं.
आत्मघाती कार से हमला करने की ज़िम्मेदारी पाकिस्तानी ज़मीन से चलने वाले संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) ने ली है. संयुक्त राष्ट्र सहित कई देशों ने इस संगठन को चरमपंथी संगठन के तौर पर मान्यता दी हुई है.
इसके संस्थापक नेता मौलाना मसूद अज़हर को भारतीय सुरक्षा बलों ने 1990 के दशक में गिरफ़्तार कर जेल में रखा था. 1999 में दिल्ली आ रहे विमान को अपहृत कर करके कंधार ले जाया गया था और यात्रियों की रिहाई के बदले जिन चरमपंथियों को भारत सरकार ने रिहा किया था, अज़हर उनमें शामिल थे.
भारतीय प्रशासन हमेशा से उस विमान अपहरण कांड के लिए पाकिस्तान को ज़िम्मेदार ठहराता आया है.
मौलाना मसूद अज़हरइमेज कॉपीरइटREUTERS
Image captionमुंबई में जैश प्रमुख मौलाना मसूद अज़हर के ख़िलाफ़ प्रदर्शन हुए

जैश के कारण तनाव

बीते कई साल से अज़हर को 'ग्लोबल टेररिस्ट' के तौर पर चिन्हित किए जाने के लिए भारत, संयुक्त राष्ट्र पर दबाव डालता आया है. वहीं पाकिस्तान के सहयोगी देश के तौर पर चीन हमेशा इस पहल का विरोध करता आया है.
बहरहाल, पुलवामा हमले में जैश ए मोहम्मद की संलिप्तता से हमले में पाकिस्तान का सीधा संबंध भी ज़ाहिर होता है. 2001 में, भारतीय संसद पर हमले के लिए जैश को जिम्मेदार ठहराया गया, इस हमले में नौ सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई थी.
इसके बाद दोनों देशों के बीच हालात इतने तनावपूर्ण रहे कि कई महीनों तक युद्ध जैसी स्थिति बनी रही थी.
2016 में पठानकोट और उड़ी के भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया गया, जिसके बाद भारतीय सेना ने दावा किया कि उसने लाइन ऑफ़ कंट्रोल पर मौजूद चरमपंथी शिविरों पर 'सर्जिकल स्ट्राइक' किया था.
पुलवामा हमले के विरोध में प्रदर्शनइमेज कॉपीरइटREUTERS

आईएसआई को है जैश से परेशानी

इस बार, दक्षिणपंथी भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार पर ज़्यादा कुछ करने का दबाव है.
2016 की सर्जिकल स्ट्राइक बेहद लिमिटेड थी, समय और टारगेट दोनों के लिहाज से, जिसकी वजह से पाकिस्तान ने इसके होने से भी इनकार किया था.
वैसे भारतीय सेना, यह स्वीकार कर चुकी है कि नुकसान पहुंचाने वाले चरमपंथी हमले पर उसे पाकिस्तान के ख़िलाफ़ आनन फ़ानन में भी कार्रवाई करनी पड़े तो वह सक्षम है.
लेकिन ऐसा कोई क़दम उस ख़तरे को बढ़ाता है और वहां तक पहुंचा सकता है जहां केवल युद्ध ही सामने हो.
यह डर तब और भी बढ़ जाता है जब दोनों मुल्कों के पास परमाणु हथियार हों. पाकिस्तान ने इन हथियारों के इस्तेमाल किए जाने के संकेत भी कई बार दिए हैं.
पुलवामा हमले के विरोध में प्रदर्शनइमेज कॉपीरइटAFP/GETTY IMAGES
बहरहाल, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने पुलवामा हमले के बाद "गंभीर चिंता" जताते हुए ट्वीट कर उन आरोपों को ख़ारिज किया है, "जिसमें बिना किसी जांच के भारत सरकार और भारतीय मीडिया में इस हमले से पाकिस्तान का संबंध जोड़ा जा रहा है."
हालांकि आत्मघाती हमले की जैश-ए-मोहम्मद ने जिस तरह से ज़िम्मेदारी ली है और उसका संस्थापक मसूद अज़हर जिस तरह से पाकिस्तान में आज़ाद घूम रहा है, उसे देखते हुए भारत के लोगों को किसी और सबूत की ज़रूरत ही नहीं है.
पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ताइमेज कॉपीरइटFOREIGNOFFICEPK @TWITTER
वैसे पाकिस्तानी सेना की नियंत्रण वाली ख़ुफ़िया एजेंसी इंटर सर्विस इंटेलिजेंस (आईएसआई) को भी जैश-ए-मोहम्मद से समस्या रही है.
दरअसल जैश, लश्कर-ए-तैयबा जैसा चरमपंथी संगठन नहीं है जो पाकिस्तान की सेना के निर्देशों को मानता रहा है.
जैश पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर हमला करने से भी नहीं हिचकता रहा है.
2003 में संगठन पाकिस्तान के सैन्य शासक परवेज़ मुशरर्फ़ पर दो बार बेहद ख़तरनाक हमला कर चुकी है.
बावजूद इसके जैश की तरफ पाकिस्तानी सेना ने अपनी आंखें बंद रखी हैं तो इसकी वजह कश्मीर में तनावपूर्ण स्थिति बनाए रखने में संगठन की उपयोगिता है.
हालांकि अब ये देखना होगा कि जैश-ए-मोहम्मद पर क्या कार्रवाई होती है- इसको लेकर भारत की ओर से काफ़ी दबाव होगा और चीन से भी ये संभव है क्योंकि माना जा रहा है कि चीन अब अज़हर की हिमायत करने से काफ़ी आगे निकल चुका है.

ऐसे में संभव है कि इस समूह को पाकिस्तान में बैन कर दिया जाए.
भौगोलिक राजनीति से इतर, इस आत्मघाती हमले को स्थानीयता के अहम पहलू से भी देखना होगा. बीते एक साल के दौरान भारतीय सुरक्षा बलों ने करीब 300 कश्मीरी चरमपंथियों को मारा गया है, इनमें से ज़्यादातर दक्षिण कश्मीर के थे, जहां ये हमला हुआ है.
ऐसे में चरमपंथी समूहों के सामने अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए बड़े हमले करने की ज़रूरत भी बन गई है.
इस इलाके में जिन चरमपंथी संगठनों का दबदबा है उनमें हिज़्ब-उल-मुजाहिदीन, आत्मघाती हमलों को गैर-इस्लामिक मानता है. ऐसे में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा पर ही ऐसे हमले करने की ज़िम्मेदारी है.
प्रधानमंत्री मोदीइमेज कॉपीरइटREUTERS
भारतीय सुरक्षा तंत्र के लिए ये गंभीर ख़ुफ़िया नाकामी है. पुलिस और ख़ुफ़िया एजेंसियों को इस सवाल का सामना तो करना ही पड़ेगा कि जैश-ए-मोहम्मद, भारतीय सेना के इतने बड़े काफिले पर हमला करने में कैसे कामयाब रहा, जिसमें विस्फोटकों की भारी मात्रा से लदी कार के इंतज़ाम से लेकर उसकी निगरानी, हमले का पूर्वाभ्यास और कई स्तरों वाली सुरक्षा व्यवस्था में सेंधमारी से जुड़े सवाल शामिल होंगे.
फिलहाल, भारत सरकार विकल्पों पर विचार कर रही है. आर्थिक तौर पर उसने क़दम उठाते हुए पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लेने का फ़ैसला कर लिया है, जिससे पाकिस्तान को कारोबारी फ़ायदे नहीं मिल पाएंगे.
इसके अलावा भारत सरकार पाकिस्तान को राजनीतिक तौर पर भी अलग-थलग करने की बात कह रही है. लेकिन जब तक जैश-ए-मोहम्मद पर पाकिस्तान कोई कार्रवाई नहीं करता, तब तक ऐसे और हमले होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता.


No comments:

IMPORTANT-------ATTENTION -- PLEASE

क्या डबवाली में BJP की इस गलती को नजर अंदाज किया जा सकता है,आखिर प्रशासन ने क्यों नहीं की कार्रवाई