Join Us On What'apps 09416682080

?? Dabwali ????? ?? ???? ????, ?? ?? ?? ??? ???? ??????? ???? ?? ??? ?? ??????? ?? ?????????? ?? ?? ??????, ?? ????? ?? ???? ???????? ???? ???? dblnews07@gmail.com ?? ???? ??????? ???? ?????? ????? ????? ?? ????? ?????????? ?? ???? ???? ??? ?? ???? ?????? ????? ???? ????? ??? ?? 9416682080 ?? ???-??, ????-?? ?? ?????? ?? ???? ??? 9354500786 ??

Trending

3/recent/ticker-posts

Labels

Categories

Tags

Most Popular

Contact US

Powered by Blogger.

DO YOU WANT TO EARN WHILE ON NET,THEN CLICK BELOW

Subscribe via email

times deal

READ IN YOUR LANGUAGE

IMPORTANT TELEPHONE NUMBERS

times job

Blog Archive

टाईटल यंग फ्लेम ही क्यूं?

Business

Just Enjoy It

Latest News Updates

Followers

Followers

Subscribe

Lorem Ipsum is simply dummy text of the printing and typesetting industry. Lorem Ipsum has been the industry's.

Pages

Most Popular

प्लंबर की बदली किस्मत, डेढ़ करोड़ की लॉटरी जीतकर बना करोड़पति
डबवाली’ का नाम बदलकर ‘डबवाली’ करने की मांग तेज,मंडी’ शब्द अब अनावश्यक: इकबाल शांत
मसाज सेंटर पर पुलिस का छापा ,पंजाब पुलिसकर्मी समेत चार दबोचे
SI चेतराम बने ओरनरी निरीक्षक के पद पर पदोन्नत,एस पी सिद्धान्त जैन ने कंधे पर स्टार लगाकर दी बधाई
 महिला पुलिस सिखा रही है मनचलों को सबक
ठिठुरती सर्दी में भी टिन के शैड तले रहने को मजबूर था दिव्यांग का परिवार, सामाजिक संस्था सुरक्षा ने पक्का मकान बनवा दिया -विधायक आदित्य देवीलाल ने रिबन काटकर परिवार को करवाया गृह प्रवेश
एसडीएम अर्पित संगल ने समाधान शिविर में सुनी जन-समस्याएं
 सीआईए डबवाली ने 100 लीटर लाहन के साथ एक को दबोचा
पूज्य श्री राजाराम जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित
 डबवाली पुलिस ने रैम्बो व शेरू (डॉग स्क्वायड (खोजी कुत्ता)की मदद से संगरिया बॉर्डर पर की चेकिंग

Popular Posts

Secondary Menu
recent
Breaking news

Featured

Haryana

Dabwali

Dabwali

health

[health][bsummary]

sports

[sports][bigposts]

entertainment

[entertainment][twocolumns]

Comments

सरकारी स्कूलों के 15 लाख छात्र किताबों से वंचित, व्हीस्ल ब्लोअर ने छात्र हित में खोला मोर्चा

Dabwalinews.com
चालू शैक्षणिक सत्र के चार माह बीत जाने पर भी सरकारी स्कूलों के 15 लाख से अधिक छात्र किताबों से वंचित है।
कक्षा पहली से आठवीं तक के छात्रों को सरकार की ओर से निशुल्क किताबें दी जाती है। किताबें न मिल पाने की वजह से हजारों छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। अग्रसेन कालोनी निवासी व्हीस्ल ब्लोअर प्रो. करतार सिंह ने छात्र हित में आवाज बुलंद की है। उन्होंने प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इन छात्रों को अगस्त के पहले सप्ताह तक किताबे मुहैया करवाने का समय दिया है। इसके बाद उच्च न्यायालय में वाद दायर करने की चेतावनी दी है। वर्णनीय है कि प्रो. करतार सिंह ने वर्ष 2013 में भी रिट दाखिल करके सरकार को किताबे मुहैया करवाने के लिए विवश कर दिया था। प्रो. सिंह ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में बताया कि पाठ्य पुस्तकें न मिलने के कारण छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। अप्रैल से शुरू हुए शैक्षणिक सत्र के चार माह बीत चुके है। बिना पुस्तकों के पढ़ाई की अपेक्षा कैसे की जा सकती है? उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश के कक्षा पहली से आठवीं तक के 15लाख से छात्रों को किताबे मुहैया करवाने में विफल साबित हुई है। अपनी विफलता पर पर्दा डालने के लिए अब छात्रों के खाते में किताबों की कीमत राशि डालने की बात कहीं जा रही है, जिससे समस्या का समाधान नहीं होने वाला।
प्रो. सिंह ने बताया कि सरकार द्वारा बच्चों को जो किताबे स्कूल में निशुल्क प्रदान की जाती है, वे बाजार में 200-300 रुपये में नहीं मिल सकती। दूसरी बात यह है कि ये किताबे मार्केट में उपलब्ध ही नहीं है, चूंकि सरकार द्वारा इन्हें फ्री वितरित किया जाता रहा है, ऐसे में ये दुकानों पर बिकने के लिए उपलब्ध नहीं होती। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किताबों को सीबीएससी की वेबसाइट से डाऊनलोड का तर्क दिया जाता है, जोकि अव्यवहारिक है। क्योंकि इनका प्रिंट काफी महंगा पड़ता है। सवाल यह भी है कि आखिर चार माह बीत चुके है, किताबों के लिए राशि छात्रों के खाते में कब जमा होगी। इसके साथ ही पैसा जमा होने के बाद भी इसकी क्या गारंटी है कि पैसे का किताबों की खरीद के लिए ही इस्तेमाल होगा? किसी अन्य कार्य पर नहीं।
व्हीस्ल ब्लोअर प्रो. करतार सिंह ने सरकार से आग्रह किया है कि अगस्त के प्रथम सप्ताह तक सरकारी स्कूलों के छात्रों को पुस्तके मुहैया करवाना सुनिश्चित किया जाए। अन्यथा छात्र हित में वे न्यायालय का द्वार खटखटाएंगे।

फीस वसूली को भी किया चैलेंज

व्हीस्ल ब्लोअर प्रो. करतार सिंह ने मॉडल संस्कृति स्कूलों में बच्चों की फीस निर्धारित किए जाने को भी चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा बोर्ड की ओर से कक्षा पहली से पांचवीं तक के बच्चों से प्रवेश शुल्क के रूप में 500 रुपये तथा कक्षा 6 से कक्षा 12 के प्रवेश के लिए 1000 रुपये फीस तय की है। इसके साथ ही कक्षा पहली से तीसरी तक के लिए 200 रुपये, कक्षा 4-5 के लिए 250 रुपये, 6-8 के लिए 300 रुपये, 9-10 के लिए 400 रुपये तथा 11-12 के लिए 500 रुपये महीना फीस निर्धारित की है। जोकि सरासर अनुचित है। यह आरटीई एक्ट-2009 का सीधा-सीधा उल्लंघन है।

प्राइवेट पब्लिशर्स की बल्ले-बल्ले

सरकारी स्कूलों में पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध न होने के कारण अभिभावकों को प्राइवेट पब्लिशर्स की पुस्तकें खरीदने पर विवश होना पड़ रहा है। प्राइवेट स्कूलों में पढऩे वाले छात्रों के अभिभावक तो पहले ही प्राइवेट पब्लिशर्स की वजह से परेशान है। चूंकि इनकी पुस्तकों पर बेहिसाब रेट अंकित कर दिए जाते है, बदले में स्कूल संचालकों को इसका कमीशन दिया जाता है। अब सरकारी स्कूलों में प्राइवेट पब्लिशर्स की पुस्तकें खरीदे जाने से गरीब अभिभावकों की रीढ़ तोडऩे का काम हो रहा है।

एजूकेशन माफिया पर कर चुके है चोट

व्हीस्ल ब्लोअर प्रो. करतार सिंह पेशे से शिक्षक है। शिक्षक होने की वजह से वे शिक्षा के क्षेत्र की गड़बडिय़ों को पैनी निगाह से पहचान लेते है। प्रो. सिंह पिछले डेढ़ दशक से जनहित के मामलों को उठा रहे है। उनके द्वारा फर्जी डिग्रियों के मामले का भंडाफोड़ किया था। मामला उच्च न्यायालय के बाद सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचा था। अदालत के बाद उन विवि के डिग्रियों को बेचने के धंधे पर चोट पहुंची थी। इसके साथ ही फर्जी डिग्रियों के आधार पर नौकरी पाने वाले और प्रमोशन पाने वालों को भी झटका लगा था।

15 lakh students of government schools deprived of books, whistle blower opened front in student interest

No comments:

IMPORTANT-------ATTENTION -- PLEASE

क्या डबवाली में BJP की इस गलती को नजर अंदाज किया जा सकता है,आखिर प्रशासन ने क्यों नहीं की कार्रवाई