health
[health][bsummary]
sports
[sports][bigposts]
entertainment
[entertainment][twocolumns]
Comments
ग्वार में उखेड़ा रोग की रोकथाम मात्र 15 रूपए के बीज उपचार से संभव: डॉ. बी.डी. यादव
डबवाली न्यूज़
ग्वार बारानी क्षेत्रों की एक महत्वपूर्ण फसल है और यह खरीफ की एक मुख्य फसल जानी जाती है। हरियाणा के बारानी क्षेत्रों में ग्वार फसल में जडग़लन (उखेड़ा) रोग एक गंभीर समस्या बनी हुई है जो किसानों के लिए चिंता का विषय है। इसके प्रकोप से 20 से 45 प्रतिशत तक खड़ी फसल नष्ट हो जाती है जो जमीन के प्रकार पर निर्भर करती है। ओढ़ा ब्लॉक के विभिन्न गांवों पिपली, टप्पी, जंडवाला जाटान, मिठड़ी व मलिकपुर आदि गांवों का सर्वे करने के बाद यह पता चला कि किसानों को उखेड़ा (जडग़लन) बीमारी की रोकथाम के बारे में जानकारी न के बराबर है। सर्वे करने के बाद यह महसूस किया गया कि इन गांवों में ग्वार फसल पर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन करना बहुत जरूरी है। इसलिए इन गावों में कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर ग्वार फसल पर इसी साल शिविर लगाए जाएंगे। इस बात को ध्यान में रखकर आज सिरसा जिले के ओढ़ां ब्लॉक के गांव मलिकपुरा में कृषि विभाग के तत्वावधान में हिन्दुस्तान गम एण्ड केमिकल्स भिवानी के ग्वार विशेषज्ञ के नेतृत्व में शिविर का आयोजन किया गया। गांव में करीबन 1800 एकड़ जमीन खेती करने योग्य है जिसमें किसानों द्वारा 700 एकड़ में ग्वार फसल की खेती की जाती है। यह जानकारी किसानों से ट्रेनिंग के दौरान रूबरू होने के बाद मिली। ग्वार विशेषज्ञ डॉ. बी.डी. यादव ने कहा कि जडग़लन रोग का मात्र 15 रूपये के बीज उपचार से इलाज सम्भव है। शिविर में कृषि विभाग ओढ़ां से पवन कुमार ने किसानों को गेहूं व सरसों की फसल कटने के बाद अगली फस्ल की बिजाई से पहले अपने खेतों की मिट्टी का सैम्पल ले कर उसकी जांच नजदीक के मिट्टी जांच प्रयोगषाला से करवाने का आह्वान किया।
जम़ीन में पनपती है फंगस :
किसानों को संबोधित करते हुए ग्वार विशेषज्ञ डॉ. बी.डी. यादव ने बताया कि जडग़लन रोग की फंगस जमीन में पनपती है, जिसके प्रकोप से जडं़े काली पड़ जाती है तथा पौधे मरने लगते हैं। इस बीमारी के शुरूआती लक्षण पत्तों पर पीलापन दिखाई देना तथा पौधों का मुरझाना है। ऐसे पौधों को जब उखाडकर देखते हैं तो इनकी जड़ें काली मिलती हैं। इस बीमारी के कीटाणु जमीन के अन्दर रहते हैं, इसलिए पौधों पर स्पे्र करने का कोई फायदा नहीं होता। ग्वार विशेषज्ञ ने किसानों को बताया कि उखेड़ा बीमारी के लिए कोई भी स्प्रे न करें। इस बीमारी की रोकथाम के लिए 3 ग्राम कार्बन्डाजि़म 50 प्रतिशत (बेविस्टीन) प्रतिकिलो बीज की दर से सुखा उपचारित करने के बाद ही बिजाई करनी चाहिए। ऐसा करने से इस रोग पर 80 से 95 प्रतिशत तक काबू पाया जा सकता है। डॉ० यादव ने किसानों को ग्वार की उन्नत किस्में एच.जी. 365, एच.जी. 563, एच.जी. 2-20 ही बोने की सलाह दी तथा बिजाई के लिए जून का दूसरा पखवाड़ा सबसे उचित बताया। शिविर में मौजूद 65 किसानों को ग्वार के बीज उपचार की एक-एकड़ एकड़ की दवाई मुफ्त दी गई। इस अवसर पर गांव के नम्बरदार राम प्रताप, पूर्व सरपंच मनजीत सिंह, वकील सिंह, रघुवीर, जगदेव, मलकित सिंह तथा प्रवीण आदि प्रगतिशील किसान मौजूद थे।
ग्वार बारानी क्षेत्रों की एक महत्वपूर्ण फसल है और यह खरीफ की एक मुख्य फसल जानी जाती है। हरियाणा के बारानी क्षेत्रों में ग्वार फसल में जडग़लन (उखेड़ा) रोग एक गंभीर समस्या बनी हुई है जो किसानों के लिए चिंता का विषय है। इसके प्रकोप से 20 से 45 प्रतिशत तक खड़ी फसल नष्ट हो जाती है जो जमीन के प्रकार पर निर्भर करती है। ओढ़ा ब्लॉक के विभिन्न गांवों पिपली, टप्पी, जंडवाला जाटान, मिठड़ी व मलिकपुर आदि गांवों का सर्वे करने के बाद यह पता चला कि किसानों को उखेड़ा (जडग़लन) बीमारी की रोकथाम के बारे में जानकारी न के बराबर है। सर्वे करने के बाद यह महसूस किया गया कि इन गांवों में ग्वार फसल पर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन करना बहुत जरूरी है। इसलिए इन गावों में कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर ग्वार फसल पर इसी साल शिविर लगाए जाएंगे। इस बात को ध्यान में रखकर आज सिरसा जिले के ओढ़ां ब्लॉक के गांव मलिकपुरा में कृषि विभाग के तत्वावधान में हिन्दुस्तान गम एण्ड केमिकल्स भिवानी के ग्वार विशेषज्ञ के नेतृत्व में शिविर का आयोजन किया गया। गांव में करीबन 1800 एकड़ जमीन खेती करने योग्य है जिसमें किसानों द्वारा 700 एकड़ में ग्वार फसल की खेती की जाती है। यह जानकारी किसानों से ट्रेनिंग के दौरान रूबरू होने के बाद मिली। ग्वार विशेषज्ञ डॉ. बी.डी. यादव ने कहा कि जडग़लन रोग का मात्र 15 रूपये के बीज उपचार से इलाज सम्भव है। शिविर में कृषि विभाग ओढ़ां से पवन कुमार ने किसानों को गेहूं व सरसों की फसल कटने के बाद अगली फस्ल की बिजाई से पहले अपने खेतों की मिट्टी का सैम्पल ले कर उसकी जांच नजदीक के मिट्टी जांच प्रयोगषाला से करवाने का आह्वान किया।
जम़ीन में पनपती है फंगस :
किसानों को संबोधित करते हुए ग्वार विशेषज्ञ डॉ. बी.डी. यादव ने बताया कि जडग़लन रोग की फंगस जमीन में पनपती है, जिसके प्रकोप से जडं़े काली पड़ जाती है तथा पौधे मरने लगते हैं। इस बीमारी के शुरूआती लक्षण पत्तों पर पीलापन दिखाई देना तथा पौधों का मुरझाना है। ऐसे पौधों को जब उखाडकर देखते हैं तो इनकी जड़ें काली मिलती हैं। इस बीमारी के कीटाणु जमीन के अन्दर रहते हैं, इसलिए पौधों पर स्पे्र करने का कोई फायदा नहीं होता। ग्वार विशेषज्ञ ने किसानों को बताया कि उखेड़ा बीमारी के लिए कोई भी स्प्रे न करें। इस बीमारी की रोकथाम के लिए 3 ग्राम कार्बन्डाजि़म 50 प्रतिशत (बेविस्टीन) प्रतिकिलो बीज की दर से सुखा उपचारित करने के बाद ही बिजाई करनी चाहिए। ऐसा करने से इस रोग पर 80 से 95 प्रतिशत तक काबू पाया जा सकता है। डॉ० यादव ने किसानों को ग्वार की उन्नत किस्में एच.जी. 365, एच.जी. 563, एच.जी. 2-20 ही बोने की सलाह दी तथा बिजाई के लिए जून का दूसरा पखवाड़ा सबसे उचित बताया। शिविर में मौजूद 65 किसानों को ग्वार के बीज उपचार की एक-एकड़ एकड़ की दवाई मुफ्त दी गई। इस अवसर पर गांव के नम्बरदार राम प्रताप, पूर्व सरपंच मनजीत सिंह, वकील सिंह, रघुवीर, जगदेव, मलकित सिंह तथा प्रवीण आदि प्रगतिशील किसान मौजूद थे।
Labels:
Haryana
Related Posts
ग्वार में उखेड़ा रोग की रोकथाम मात्र 15 रूपए के बीज उपचार से संभव: डॉ. बी.डी. यादव
Reviewed by Dabwali News
on
8:50:00 PM
Rating: 5
Reviewed by Dabwali News
on
8:50:00 PM
Rating: 5
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
IMPORTANT-------ATTENTION -- PLEASE
क्या डबवाली में BJP की इस गलती को नजर अंदाज किया जा सकता है,आखिर प्रशासन ने क्यों नहीं की कार्रवाई
Advt 23-7-25
Advt 2-2-25
Join Us On
Translate
Subscribe Us
social links
[socialcounter]
[facebook][https://www.facebook.com/dabwalinews/][4.2k]
[twitter][https://twitter.com/dabwalinews][1.2k]
[youtube][https://www.youtube.com/c/dabwalinews][23k]
[linkedin][#][230]
Wikipedia
Search results
sponsored
Gurasees Homeopathic Clinic
Visit for best homeopathic treatment
Popular Posts
-
BREAKING NEWS #dabwalinews.com हरियाणा के डबवाली में एक मसाज सेंटर पर पुलिस छापे का सनसनीखेज खुलासा हुआ है.पुलिस ने देर रात म...
-
दुल्हन के तेवर देख दुल्हे वालों ने बुलाई पुलिस चंडीगढ़ में रहने वाली लडक़ी की डबवाली के युवक से हुआ था विवाह #dabwalinews.com Exclusiv...
-
कुमार मुकेश, भारत में छिपकलियों की कोई भी प्रजाति जहरीली नहीं है, लेकिन उनकी त्वचा में जहर जरूर होता है। यही कारण है कि छिपकलियों के काटन...
-
DabwaliNews.com दोस्तों जैसे सभी को पता है के कैसे डबवाली उपमंडल के कुछ ग्रामीण इलाकों में बल काटने वाले गिरोह की दहशत से लोगो में अ...
-
BREAKING NEWS लॉकडाउन 4. 0 डबवाली में कोरोना ने दी दस्तक डबवाली के प्रेम नगर व रवि दास नगर में पंजाब से अपने रिश्तेदार के घर मिलने आई म...
-
dabwalinews.com डबवाली। डबवाली में गांव जंडवाला बिश्नोई के नजदीक एक ढाणी में पंजाब व हरियाणा पुलिस की 3 गैंगस्टर के बीच मुठभेड़ हो गई। इस...
-
#dabwalinews.com पंजाब के सीएम प्रकाश सिंह बादल पर बुधवार को एक युवक द्वारा उनके ही विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान जू...

No comments:
Post a Comment